Friday, November 25, 2011
.माफी के साथ, कह रहा हूं..............
जूता-चप्पल और चांटा मारने के इस दौर में.....माफी के साथ, कह रहा हूं कि बहुत खुशी होती है जब कोई गलत आदमी इसका शिकार होता है,,,,लेकिन चुंकि यह गांधी का देश है---इसलिए यहां हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है,,,और किसी भी कीमत पर इसे सही नहीं ठहराया जा सकता है, क्योंकि अगर कोई गलत आदमी इसका शिकार होता है...तो वह और उसके राजनीतिक समर्थक अपने प्रतिद्वन्दियों पर भी उसी अंदाज में हमला कर सकते हैं....कल जिस हरविंदर सिंह भाई ने शरद पवार को थप्पड़ मारा था,,,,उसे खुद की राजनीतिक पार्टी खड़ी करनी चाहिए,,,,या फिर अपने विचारों से मेल खाने वाली पार्टी ( अंधे में कानी ही सही ) के साथ मिलकर काम करना चाहिए...उसने जो काम किया था...वो उसे भगत सिंह की राह पर चलना समझ रहा होगा...लेकिन आज के युग में भगत सिंह बनना मुश्किल है,,,,आज एक नेता या राजनितिक पार्टी या अधिकारी गलत होता तो भगत सिंह की राह सही माना जा सकता था,...लेकिन यहां तो हर शाख पर उल्लू बैठा है....और आज के युग में जब सेना और पुलिस सरकार के हाथ में है वह उसका सही और गलत इस्तेमाल कर सकती है....हम बाबा रामदेव का तमाशा देख चुके हैं,,,,.ऐसे में इन उल्लुओं पर अहिंसा का हथियार ही कारगर होगा....वरना हरविंदर सिंह जैसे लोगों को नक्सली टाईप का या सस्ती लोकप्रियता के लिए काम करने वाला घोषित कर दिया जायेगा....
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